Fascination About karj mukti upay
Fascination About karj mukti upay
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उन्हें लाल सिंदूर, चमेली का तेल और लाल फूल अर्पित करें।
मान सरकार ने डॉ. अंबेडकर का सपना हकीकत में बदला, वंचित वर्ग के लोगों का कर्ज हुआ माफ
बिना जरूरत के उधार या लोन लेने से बचें।
भविष्य पुराण में कर्ज मुक्ति के उपाय : दोस्तों हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि व्यक्ति को जितना हो सके कर्ज लेने से बचना चाहिए। कोई भी ऋण लेना पसंद नहीं करता है, लेकिन कभी-कभी लोगों को मजबूर नियंत्रण या उनकी जरूरतों के कारण ऋण लेना पड़ता है। ऋण राहत के लिए, उधारकर्ता को सामने की कई सही / गलत मनमानी शर्तों को स्वीकार करना होगा। आजकल हर छोटा और बड़ा आदमी घर, कार, घर के उपयोग के सामान, शिक्षा, व्यवसाय आदि के लिए कहीं न कहीं से कर्ज लेता है।
शरीर के विभिन्न अंगों पर तिलों का फल
मंगलवार के दिन हनुमानजी के मंदिर जाकर बूंदी का प्रसाद बजरंगबली को जरूर अर्पित करना चाहिए। साथ ही, इस प्रसाद को मंदिर के पास बच्चों में भी जरूर बाटें। इस उपाय here को हर मंगलवार के दिन शाम के समय करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है और जीवन से नकारात्मकता दूर जाने लगती है। मान्यता है कि मंगलवार को हनुमानजी को बूंदी का प्रसाद चढ़ाने से जीवन में सकारात्मकता आती है और व्यक्ति के घर-परिवार में भी सुख-शांति बनी रहती है। श्रद्धा पूर्वक इस उपाय को करने से जातक को भगवान हनुमान का विशेष आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।
ऐसा करना शुभ माना जाता है. भूलकर भी बुधवार और रविवार के दिन किसी को उधार ना दें.
लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः।
इन्द्रजाल द्वारा पति-पत्नी के बीच अनबन को दूर करने के मंत्र
कहते हैं कि अगर मंगल पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़े तो कर्ज होता है. वह कर्ज उतर तो जाता है लेकिन बहुत मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं.
कर्ज जीवन का ऐसा बोझ है जो व्यक्ति के आत्मविश्वास और मानसिक शांति दोनों को खा जाता है। लेकिन अगर आप ज्योतिषीय उपायों को गंभीरता से अपनाएं और हर मंगलवार को नियमित रूप से ये उपाय करें, तो मंगल दोष शांत होता है और धीरे-धीरे कर्ज से मुक्ति के रास्ते खुलने लगते हैं। साथ ही सही प्लानिंग, सेविंग और खर्च पर कंट्रोल करके आप आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बन सकते हैं।
भयक्लेशमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा॥८॥
हिंदू मान्यताओं के अनुसार बंदर हनुमान जी का स्वरूप माने जाते हैं।
ऋणरोगादिदारिघ्र्यं ये चान्ये ह्यपमृत्यवः।